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लेखनी कहानी - मुझसे शादी करोगी।


"आखरी बार पूछ रही हूं तुम्हें, शादी करोगे या नहीं मुझसे?"

आंखों में हल्की नमी लिए दिया ने देव से पूछा।


"नही" देव ने बिना हिचकिचाए टका सा जवाब दिया और वहां से जाने लगा।

"लेकिन क्यों? क्या मैं अब तुम्हें पसंद नहीं ?" दिया ने हल्के आक्रोश में आकर पूछा।

"नहीं, वो बात नहीं है...पर तुम तो जानती हो। यहां बहुत कुछ बदल चुका है। मैं तुम्हारे पापा को दिए वादे से बंधा हुआ हूं।" देव ने निराश होकर कहा और बिना कुछ और बोले वहां से चला गया।


"अगर ऐसा है तो ऐसा ही सही। कल जो भी मुझे देखने आने वाला है। मैं भी चुपचाप उससे शादी कर लूंगी।"  देव के जाते ही आंसू और गुस्सा दिया के चेहरे पर एक साथ आ गए थे।


अगले दिन 

"गुस्सा तो ठीक है पर आँसू मत गिराओ, मेकअप खराब हो जाएगा, और

हाँ...लड़के वालों के सामने पीली साड़ी पहन कर में जाना, उसमें तुम बहुत ज्यादा खूबसूरत लगती हो।" जब दिया तैयार हो रही थी तो अचानक उसके फोन पर देव का मैसेज आया।


"बढ़ा आया मुझे बताने वाला। मेरी शादी, मेरी मर्जी, मैं जो चाहूं, पहनूं।" मैसेज पढ़ कर दिया के गुस्से में और इजाफा हो गया।


"दीदी लड़के वाले आ गये...जल्दी से नीचे आ जाओ।"

छोटी बहन मधू ने नीचे से आवाज़ दी। तो दिया चेहरे पर नक़ली मुस्कराहट ओढ़ कर नीचे आ गई।"


"देखिये भाई साहब, बिटिया तो हमें बहुत पसंद है...बस लड़का-लड़की एक दूसरे को देख ले तो।" लडक़े के पिता ने मुस्कुराते हुए कहा। तो दिया ने कनखियों से सामने बैठे लड़के को देखा जो सीधे उसी की तरफ ही देख रहा था। झेंपते हुए दिया ने नजरें नीचे कर ली। 


"माफी चाहूंगा, आने में थोड़ी सी देर हो गई। रास्ते में कुछ ज्यादा ही ट्रैफिक था आज।" कमरे में दाखिल होते हुए किसी की नई आवाज गूंजी।

"ये तो उसी की आवाज़ थी।" एक झटके से दिया ने सर उठाकर इधर उधर देखा।

"लीजिये भाई साब, आ गया लड़का!"

नजरें मिली तो सामने पीली शर्ट में खड़ा देव मुस्कुरा रहा था।


"तुम" दिया ने अचंभित हो कर पूछा क्योंकि उसे अब तक भरोसा नहीं हो रहा था की वो उसके सामने खड़ा था। कलेजे में ठंडक पड़ना क्या होता है वो आज समझ रही थी।

"जी हां, मैं" देव थोड़ा झुककर पोज़ देता हुए बोला। उसके होठों पर अभी भी शरारती मुस्कान थी।

"बेटा, ये सबका प्लान था, कि तुम्हें सरप्राइज दें।"

देव की माँ ने दिया को गले लगाते हुए कहा।


"तुमने कल जो मुझसे अकेले में पूछा था। आज वही सवाल मैं तुम्हें कर रहा हूं।"


तो मिस दिया खुराना क्या तुम मुझसे शादी करोगी।


पहले तो दो तीन मिनट सन्नाटा रहा...फिर उसका गुस्सा फूट पड़ा।


"तुम ना... दुष्ट हो... बता नहीं सकते थे?"

'अरे तुम्हें तो खुश होना चाहिए... इतनी मेहनत से सरप्राइज प्लान किया और

तुम रो रही! वैसे पीली साड़ी में तो गज़ब ढा रही हो

"मुझे तुमसे बात ही नहीं करनी है।" दिया लड़ने के पूरे मूड में थी।

"सॉरी बोल तो रहा हूं।"

देव ने मासूमियत से अपने दोनों कान पकड़ते हुए कहा।

4-5 सेकंड तक वो उसको ऐसे ही देखती रही। फिर अपने आप ही उसके सीने से जा लगी।


तालियों की आवाज सुनकर दिया ने देव के सीने में अपना चेहरा छुपा लिया।

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6 Comments

madhura

16-Jun-2023 06:18 PM

nice

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सुन्दर कहानी 👏👏👍👍

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वानी

15-Jun-2023 10:36 AM

Beautiful

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